नमस्कार और स्वागत है आप सभी का एक नयी Poem on Rajput in Hindi में। यहाँ मैं आप सभी को मजेदार पोएम सुनाता हु, अगर आप एक राजपूत है तो ये पोएम आपको बहुत ज्यादा पसंद आएगा।
चलिए शुरू करते है आज की poem on Rajput की पोस्ट।
Contents
Poem On Rajput In Hindi
हम संगीनों में पले बढे दुश्मनो से खौफ नहीं खाते,
गद्दारो देश-द्रोहियो की गाथाएं कभी नहीं गाते ।
हम महाबनि के भारत पुत्र है, महाराणा के अनुगामी ,
जो शरहद की रक्षा करते, हम उन वीरोके पथगामी ।
हम जनगढ़मन के पोषक है , हम कलम के एक सिपाही है,
हम धरम शाश्त्र के अजीबन अनुवयी है ,
भयभीत नहीं होते रंगचक, हम तूफानों से लड़ते है,
हमसे बरफीली चट्टानें नदिया पठाड़ तक डरते है ।
बदनाम कर दिया शामेबाद भारत के कुछ गद्दारो ने,
उन्होंने कहा – एक नाडा लगा,
तुम कितने अफजल मारोगे, हर घर से अफजल निकलेगा ।
हमने कहा की वीरो की परंपरा का पालन कभी नहीं खंडित होगा ,
इन बेटो की बल से माँ का मस्तिष्क फिर गरबित होगा ।
और खौफ सभी अफजल खाएंगे इस भारत में पैदा होने से ,
असदुल्लाह गर प्रकट होंगे कही हिन्द के कोने से ।
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हिन्द की अखंडता और एकता की बात आये, देश है प्रथम ये गुमान लिखता हु मैं
राष्ट्र स्वाभिमान की परंपरा जो लिखी जाए, माता पन्नाधाय का बखान लिखता हु मैं ।
राम और रहीम वाले देश को प्रणाम करू,
क्रांतकारियों का बलिदान लिखता हु मैं,
वामा साकी स्वामी भक्त चेतक की पदछाप,
राणाजी प्रताप को महान लिखते हु मैं ।
Poem on Rajput in Hindi – राजपुताना हिंदी कविता
कब तलाक सोये रहोगे, सोने से क्या हासिल हुआ ?
ब्यर्थ आपने वक़्त खोने से क्या हासिल हुआ ?
शान और शौकत हमारी कमाई जो वीरो ने वो जा रही,
अब सिर्फ बैठे रहने से क्या हासिल हुआ ?
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सोती हुई राजपूती कौम को जगाना अब पड़ेगा,
गिर न जाए गर्त में , वीरो उठाना अब पड़ेगा।
बेड़ियों रूढीबादिता की पड़ी हुई जो कौम में,
उन सभी बेड़ियों को तोडना हमें अब पड़ेगा ।
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संतान हो तुम उन बीरों की वीरता है जिनकी पहचान,
तेज से दमकता मुख, और चमकती तलवार है जिनका निशान ।
वीरता की श्रेणी में क्षत्रिय का पहला है नाम,
यूटला नहीं सकता जमाना, इतिहास है शाक्षी प्रमाण ।।
निष्कर्ष : महाराणा प्रताप कविता
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