Lipi kise kahate hain : इस पोस्ट में हम लिपि किसे कहते है, लिपि कितने प्रकार के होते है, लिपि की परिभाषा के बारे में बिस्तार में जानेंगे और पढ़ेंगे। दोस्तों लिपि और भाषा दोनों अलग है। हम बोलने के लिए जो भी भाषा का इस्तेमाल करते है उसका लिखावट का ढंग है लिपि।
अभी हाल ही बिदेशियो ने लिपि के बारे में एक अलग ही दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। उनका मानना है की भारतीयों का 600 BC से पहले लिखने का ढंग पता नहीं था। ये मतबाद को लेकर बहुत समस्याएं और मतभेद भी खड़ी हुई है।
वैसे व्याकरण, विज्ञानं, भारतीय इतिहास से लेकर बिभिन्न कक्षा की पढाई इस वेबसाइट पर मिल जायेगा आपको। इसलिए अगर आप इन सब चीज़ो का सौखीन है, तो कृपया इस वेबसाइट को अनुसरण करें।
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तो चलिए जान लेते है लिपि का परिभाषा।
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Lipi Kise Kahate Hain
हम जो भी शब्द या वाक्य मुँह से बोलते है उसे भाषा कहते है। हमारे बोलने का तारीख, गले की आवाज़ को ध्वनि कहते है। और इस सब को अगर देखने योग्य या पढ़ने योग्य बना दिया जाए, यानि बोल को अगर लिखा जाये तो उसे लिपि कहा जाता है।
भारत की इतिहास का सभी भाषाएं ब्राम्ही लिपि से बनाये गए है। ध्वनि भाषा का अस्थायी रूप है, एक बार बोलने पर वो ख़तम हो जाता है। पर लिपि एक सतायी रूप है जो मिटता नहीं है।
सीधे शब्दों में, लिपि का अर्थ है लेखन प्रणाली, यानि लिखने का ढंग। ध्वनि को लिखने के लिए इनसान जो भी चिन्हों का इस्तेमाल करता है, उसे लिपि कहलाया जाता है।
भारत के कुछ भाषाओं की लिपि
क्रम |
भाषा | लिपि |
1 |
हिंदी, संस्कृत |
देवनागरी |
2 |
नेपाली |
देवनागरी |
3 | मराठी |
देवनागरी |
4 |
पंजाबी | गुरमुखी |
5 |
फ्रेंच, स्पेनिश, अंग्रेजी |
रोमन |
6 | अरबी, उर्दू |
फ़ारसी |
लिपि के प्रकार :
विकिपीडिया के अनुसार लिपि का 3 प्रकार अभी तक अबिष्कार किया गया है। पृथ्वी के अलग अलग दिशाओं में इस तीन प्रकार के लिपि का खोज मिला है अभी तक। वो तीन लिपियों का नाम है
- चित्र लिपियाँ
- अल्फाबेटिक लिपियाँ
- अल्फासिलेबिक लिपियाँ
इसके बारे में चलिए जान लेते है पुरे बिस्तार से क्या है ये लिपियाँ और कहा ये सब अबिष्कार हुआ था, कौन सी भाषा इन सब लिपियों में से उत्पन्न हुआ।
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1. चित्रलिपि:
चित्रलिपि का उपयोग किया गया था जापान, चीन, कोरिया, मिशर – इन सब जगाओ में। इस लिपि में कोई बिचार का अभिब्यक्ति करने के लिए बिभिन्न चित्रों का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें भी और दो तरह की लिपियाँ पाए गए है : ब्राम्ही लिपि, और फोनेसिअन लिपि।
ब्राम्ही लिपि : देवनागरी जो भारत तथा एशिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया गया लिपि है वो ब्राम्ही लिपि का अनुकरण है। भारत की कई सारे भाषाओं का जड़ है देवनागरी लिपि। ये दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्ब एशिया में प्रयोग किया गया है।
फोनेसिअन लिपि : ये यूरोप, मध्य एशिया, और अफ्रीका के उत्तरी भाग का कुछ देशो में प्रयोग किया गया है।
ये दोनों लिपियों में भाषाओं को लिखावट में रूप देने के लिए चित्र का इस्तेमाल किया जाता है। ऊपर के दोनों लिपियाँ अलग अलग जगाओं में, कोई मरुस्थल में और कोई पर्वत के देशो में विकशित हुआ है। इसलिए दोनों ही चित्रलिपि होने के वावजूद दोनों में थोड़ा सा अंतर है।
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2. अल्फाबेटिक लिपि:
अल्फाबेट का हिंदी अर्थ है वर्णमाला। यानि अल्फाबेटिक लिपि में ध्वनि पुरे अक्षर यानि वर्ण के रूप में आता है। यहाँ चित्र का इस्तेम्मल उतना नहीं होता। ये प्रथम ऐसा प्राचीन लिपि था जहा कोई भी बिचारधारा को अभिब्यक्ति करने के लिए चित्र के बदले अक्षर का इस्तेमाल हुआ था।
इसमें भी बहुत सारी भाषाएँ है। पूरा तालिका आप निचे पढ़े:
Serial Number | अल्फाबेटिक भशायें | अल्फाबेटिक भाषाओं का लिपि |
1 | अंग्रेजी, जर्मन, फ्रांसिस, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग |
लैटिन |
2 |
यूनानी भाषा, कुछ गणित के चिन्ह |
यूनानी |
3 |
कश्मीरी, उर्दू |
अरबी |
4 |
इब्रानी |
इब्रानी लिपि |
5 |
रूस |
सिरिलिक लिपि |
6 |
पश्चिमी और मद्य यूरोप की सारी भाषाएं |
लैटिन |
7 |
सोवियत रुसिआ का भाषाएं |
सिरिलिक लिपि |
3. अल्फासिलैबिक लिपियाँ :
इस प्रकार की लिपि में एक या उससे अधिक ब्यंजन का इस्तेमाल होता है। अल्फासिलैबिक लिपि के अनुसार अगर एक इकाई में एक से अधिक ब्यंजन होता है तो उसके स्वर की मात्रा का चिन्ह लगाया जाता है। और अगर कोई स्वर में व्यंजन नहीं होता तब पूरा चिन्ह लिखा जाता है।
अल्फासिलैबिक लिपि में लिखा गया कुछ भाषाओं का तालिका हमने निचे प्रस्तुत करके दिए है:
Serial Number |
अल्फासिलैबिक लिपि
का भाषा |
अल्फासिलैबिक लिपि |
1 |
हिमाचल के भाषा, पहाड़ी/ डोंगरी भाषा |
शारदा लिपि |
2 |
उत्तर पश्चिमी सभी भाषाओं का लिपि |
शारदा लिपि |
3 |
भोजपुरी, हिंदी, काठमांडू, बंगाली, राजस्थानी, गुजरती, मारवाड़ी, ओडिशा, छत्तिसगरी भाषाएं |
देवनागरी लिपि |
4 |
तेलुगु भाषा |
मध्य भारतीय लिपि |
5 |
कन्नड़, मलयालम भाषा, दक्षिण भारत के अधिकांश भाषा |
द्रविड़ लिपि |
6 |
जापानी भाषा |
मंगोलियन लिपि |
7 |
चीनी भाषाएं, तुर्कमेनिस्तान की भाषाएं |
मंगोलियन लिपि |
भारत के सभी भाषाओं का लिपि
No. | भाषा का नाम(bhasha ka naam) | लिपि का नाम(lipi ka naam) |
---|---|---|
1 | हिंदी | देवनागरी |
2 | सिंधी | देवनागरी/ फारसी |
3 | पंजाबी | गुरुमुखी |
4 | कश्मीरी | फारसी |
5 | गुजराती | गुजराती |
6 | मराठी | देवनागरी |
7 | उड़िया | उड़िया |
8 | बांग्ला | बांग्ला |
9 | असमिया | असमिया |
10 | उर्दू | फारसी |
11 | तमिल | ब्राह्मी |
12 | तेलुगू | ब्राह्मी |
13 | मलयालम | ब्राह्मी |
14 | कन्नड़ | कन्नड़/ ब्रह्मी |
15 | कोंकणी | देवनागरी |
16 | संस्कृत | देवनागरी |
17 | नेपाली | देवनागरी |
18 | संथाली | देवनागरी/ओलचिकी |
19 | डोंगरी | देवनागरी |
20 | मणिपुरी | मणिपुरी |
21 | वोडों | देवनागरी |
22 | मैथिली | देवनागरी/ मैथिली |
देवनागरी लिपि का इतिहास
दोस्तों देवनागरी लिपि ब्राम्ही लिपि से प्रस्तुत किया गया। “देवनागरी” शब्द दो शब्दों का संयुक्त रूप है। ‘देव’ का अर्थ है भगवान्, और ‘नगरी’ का अर्थ है शहर। यानि दोनों शब्द मिलाके इसका अर्थ होता है भगवान् का शहर। इसलिए देवनागरी लीपी को ‘भगवान् का शब्द’ तथा ‘भगवान् का लिपि’ भी कहा जाता है।
ब्राम्ही लिपि का बिकशित रूप है देवनागरी लिपि। इस लिपि मानव प्रजाति में ब्यबहार होने वाला ध्वनियों का बिशिष्ट संकेत दिया हुआ है।
निष्कर्ष :
मैंने आपको lipi kise kahate hain, लिपि के प्रकार, भारत में इस्तेमाल होनेवाला सारी भाषाओं का लिपि, और लिपि की परिभाषा के बारे में सब कुछ इस पोस्ट के माध्यम से बताया। इसके अलावा अगर लिपि के बारे में आपको और कुछ बिस्तृत जानना है, तो निचे कमेंट करके मुझसे पूछ सकते है।
लिपि पुरे पृथ्वी में बोले जाने वाला भाषाओं का प्राचीन लिखित रूप है। इसका इतिहास में बहुत ज्यादा महत्व है। ये पोस्ट आपको कैसा लगा बताइयेगा।
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