दोस्तों आज हम आपको बताएँगे 10 Lines On Television In Hindi कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के लिए। Mr Shekhar की इस वेबसाइट पर तरह तरह की 10 लाइन्स, पैराग्राफ, निबंध मिल जायेंगे। अगर आप ये 10 लाइन्स वीडियो के द्वारा देखना और सुनना चाहते है तो वो आपके लिए निचे प्रस्तुत करके दिया गया है।
टेलीविज़न यानि दूरदर्शन सभी के घर में होता है। इसको चलाने के लिए बिजली की तार की जरुरत पढ़ती है। ये निबंध हुमंसे बहुत सरल भाषा में बच्चो के लिए लिखा है। तो चलिए जान लेते है 10 पॉइंट TV के बारे में।
10 Lines On Television In Hindi
- माना जाता है, 1925 साल में लंदन का “जॉन लोगी बेयर्ड” ने पहली बार किया था, बाद में 1926 में फिलो फार्न्सवर्थ ने उसमे कुछ संशोधित किया।
- Television यानि दूरदर्शन को संखेप में टीवी कहा जाता है, जो घर में सभी का मनोरंजन करता है।
- पहले जमाने के टेलीविज़न ब्लैक एंड वाइट हुआ करता था, कोई भी रंग हो दर्शक उसे सिर्फ सफ़ेद या फिर काला रंग में ही देख सकता था।
- मनोरंजन और थोड़ा समय पारित करने का सबसे मजेदार उपाय है दूरदर्शन।
- अभी के समय पे सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला टेलीविज़न में से LCD, LED का नाम आता है।
- Television से बच्चो को साधारण ज्ञान मिलता है।
- हम भारत में बैठे अमेरिका में घटने वाले घटनाओं का भी सन्देश ले सकते है टेलीविज़न के द्वारा।
- बच्चो के कार्टून और छात्रों के लिए बहुत सारा क्विज टीवी पर चलता रहता है।
- टेलीविज़न में अलग अलग प्रकार के चैनल होता है, जिसका काम है उस के खुद के श्रेणी का टीवी शो दर्शक तक पहुँचाना।
- टेलेविज़न ज्यादा देखना भी अच्छी बात नहीं है, यहाँ अच्छा समाचार के साथ में ऐसा और भी चैनल होता है जहा बुरी चीज़े भी दिखाया जाता है। इन सब से बच्चो को दूर रहना चाहिए।
5 Lines On Television In Hindi
- भारत में टेलीविज़न सबसे पहले दिल्ली में 1959 में आया था।
- हर साल 21 नवंबर तारीख को टेलीविज़न दिवस मनाया जाता है।
- टेलेविज़न ‘जॉन लोगी बेयर्ड’ ने 1925 में अबिष्कार किया था।
- टेलेविज़न ज्ञान लेने का एक मजेदार माध्यम है।
- दुनिया में सभी देशो का समाचार टेलीविज़न के द्वारा हम घर बैठे देख सकते है।
निष्कर्ष :
उम्मीद करता हु आपको ये दूरदर्शन के बारे में 10 लाइन्स पसंद आया। अगर आपके कक्षा की दोस्तों को भी इस तरह की लेख पढ़ने का जरुरत है तो उसको ये पेज शेयर करे।
दोस्तों हर चीज़ का दो पक्ष होता है, एक अच्छा और दूसरा बुरा। जैसे हम एक माचिस से दिया भी जला सकते है और घर भी जला सकते है, उसी तरह टेलीविज़न में अच्छी चीज़ और बुरी चीज़ दोनों ही दिखाया जाता है। अब ये आपके ऊपर है की आप कौनसा रास्ता चुनते है।